भारत में कितने जिले के अनुसार साक्षरता की क्या स्थिति है

 पुरे विश्व में साक्षरता किसी भी देश की प्रगति के आंकलन के लिए एक महत्वपूर्ण मापदंड है जो देश की विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। साक्षरता का स्तर जिले से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक कई कारणों पर निर्भर करता है। इस लेख में, हम भारत में कितने जिले साक्षर हैं, इस पर विचार करेंगे और साथ ही साक्षरता के महत्व को बताएंगे।

भारत एक बहुत बड़ा देश है जिसमें लगभग 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं, और इसमें कई जिले शामिल हैं। जिला एक प्रशासनिक क्षेत्र होता है जो स्थानीय स्तर पर प्रशासन का कार्य करता है और अनेक सरकारी कार्यों को संचालित करता है। इन जिलों में साक्षरता का स्तर विभिन्न होता है और इसमें विभिन्न कारणों का प्रभाव होता है।

साक्षरता का मतलब होता है व्यक्ति की योग्यता की मात्रा को पढ़ने, लिखने, और गणने के क्षमताओं में मापन करना। इससे साक्षरता व्यक्ति को समाज में सकारात्मक रूप से शामिल होने में मदद करती है और उसे ज्ञान, जागरूकता, और स्वतंत्रता का अधिकार होता है।

भारत में साक्षरता का स्तर विभिन्न राज्यों और जिलों में अलग-अलग है। इसके लिए भारत सरकार ने राष्ट्रीय साक्षरता मिशन की शुरुआत की है जिसका उद्देश्य साक्षरता के स्तर को बढ़ाना है। इस मिशन के तहत विभिन्न जनजातियों, क्षेत्रों, और समृद्धि स्तरों में साक्षरता को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

भारत में कुल मिलाकर लगभग 733 जिले हैं। यह जिले राज्यों में विभाजित हैं और प्रत्येक जिले में अपना खासा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इन जिलों के भीतर साक्षरता का स्तर भी अलग-अलग होता है और इसमें कई कारणों का प्रभाव होता है।

साक्षरता के मामूल्य को बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं और कार्रवाईयाँ की जा रही हैं। राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के तहत, सरकार ने विभिन्न जनजातियों, समृद्धि स्तरों, और क्षेत्रों में साक्षरता को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक प्रोग्राम्स चलाए हैं।

भारत के विभिन्न राज्यों में साक्षरता का स्तर भिन्न-भिन्न है। केरल, महाराष्ट्र, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, और तमिलनाडु जैसे राज्यों में साक्षरता का स्तर उच्च है, जबकि छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, और राजस्थान जैसे राज्यों में यह कम है।

जनगणना के अनुसार, भारत में कुल जनसंख्या का लगभग 74.04% लोग साक्षर हैं। इसमें पुरुषों की साक्षरता का दर 82.14% है, जबकि महिलाओं की साक्षरता का दर कम है और यह 65.46% है। इससे साफ है कि महिलाओं के बीच साक्षरता में अभूतपूर्व और सुस्ती का अंतर है और सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।

जिलों के साक्षरता स्तर की चर्चा करते हैं, तो कुछ जिले हैं जो उच्च साक्षरता स्तर के साथ प्रमुख हैं, जबकि कुछ जिले इसमें पिछड़े हुए हैं। केरल के जिले, गोवा के जिले, तमिलनाडु के जिले, महाराष्ट्र के जिले, और गुजरात के जिले जैसे राज्यों के जिले उच्च साक्षरता स्तर के साथ प्रमुख हैं, जबकि झारखंड के जिले, छत्तीसगढ़ के जिले, ओड़ीशा के जिले, और बिहार के जिले इसमें पिछड़े हुए हैं।

साक्षरता के स्तर में सुधार के लिए विभिन्न साक्षरता मिशनों और योजनाओं का शुरू किया गया है। इनमें शिक्षा के क्षेत्र में नई पहलों को प्रोत्साहित करने, स्कूलों की बढ़ती गणना, और साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न अभियान शामिल हैं।

इसके अलावा, सरकार ने विभिन्न जनजातियों और समृद्धि स्तरों में साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए कई अन्य योजनाएं भी चलाई हैं। इनमें नारी शिक्षा, ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए योजनाएं, और नौकरी प्राप्ति के लिए कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं शामिल हैं।

हमारे देश में साक्षरता की स्थिति का समीक्षा करने पर पाया जाता है कि विभिन्न क्षेत्रों और जनजातियों में इसमें अभूतपूर्व सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी कई क्षेत्र हैं जो साक्षरता में पिछड़े हुए हैं।

एक बड़ी जनसंख्या वाले देश के रूप में, भारत को साक्षरता के क्षेत्र में और बड़े कदमों की आवश्यकता है।

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